सोलर सिस्टम का एक मुख्य भाग होता है सोलर पैनल, क्योंकि सोलर पैनल का ही काम होता है सूर्य की रोशनी से बिजली को पैदा करना ऐसे में एक सही सोलर पैनल का चयन करना बहुत जरुरी हो जाता है आज के समय में मोनो पर्क सोलर पैनल मांग बहुत ज्यादा बढ़ रही है क्योंकि यह कम धुप और बादल होने पर भी अन्य पैनल की तुलना में ज्यादा बिजली बना देते है और इनकी कीमत भी इतनी ज्यादा नही है तो इसी पैनल के बारे में जानेंगे कौनसी टेक्नोलॉजी है, कीमत क्या है और फायदे नुकसान क्या है पूरी जानकारी आपको इस ब्लॉग में मिलेगी|
Table of Contents
सोलर पैनल कितने प्रकार के होते है?
सोलर पैनल मुख्यतः 5 प्रकार के होते है|
- पॉलीक्रिस्टलाइन सोलर पैनल
- मोनोक्रिस्टलाइन सोलर पैनल
- मोनो पर्क सोलर पैनल
- हाफ कट सोलर पैनल
- बाई फैशियल सोलर पैनल
मोनो पर्क सोलर क्या है?
सोलर पैनल सूर्य से मिलने वाली रौशनी की मदद से बिजली बनाते है ऐसे में जितनी रौशनी या किरणों को सोलर सेल के द्वारा अवशोषित किया जाता है उनसे हमे बिजली मिलती है और बाकि रौशनी सोलर सेल के आर पार चली जाती है जिससे हमे कोई फायदा नहीं मिल पता है इसी परेशानी को दूर करने और सोलर पैनल की दक्षता को बढ़ाने के लिए सोलर सेल के पीछे एक अतिरिक्त परावर्तक परत (Reflactive Layer) पर्क (Passivated Emitter and Rear Contact) को लगाया जाता है जिससे जो किरणें सोलर सेल के आर-पार चली जाती थी अब वो रिफ्लेक्टिव लेयर के टकरा कर फिर से सोलर सेल में आ जाये और हमे थोड़ी बहुत अतिरिक्त बिजली मिल सके| मुख्यतः पर्क लेयर (PERC Layer) को मोनोक्रिस्टलाइन सोलर सेल के साथ जोड़ा जाता है जिस कारण इसे मोनो पर्क नाम से जाना जाता है|
मोनो पर्क सोलर सेल को मुख्यतः 4 प्रकार के सोलर पैनल में काम में लिया जाता है|
- मोनो पर्क सोलर पैनल
- मोनो पर्क हाफ कट सोलर पैनल
- मोनो पर्क बाय फेशियल सोलर पैनल
- मोनो पर्क हाफ कट बाय फेशियल सोलर पैनल
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मोनो पर्क सोलर पैनल की दक्षता (Efficiency) कितनी हैं?
सोलर पैनल की दक्षता सोलर पैनल के क्षेत्रफल (लम्बाई * चौड़ाई) में बनने वाली बिजली पर निर्भर करती है| मोनो पर्क सोलर पैनल की दक्षता 20% से 22% तक होती है जो मोनोक्रिस्टलाइन सोलर पैनल से थोड़ी ज्यादा होती है|
मोनो पर्क सोलर पैनल के फ़ायदे और नुकसान क्या है?
फ़ायदे
- यह पैनल कम रौशनी में भी काम करता है|
- यह पैनल ज्यादा और कम तापमान पर अन्य तकनीक के सोलर पैनल से बेहतर काम करता है|
- पॉलीक्रिस्टलाइन और मोनोक्रिस्टलाइन पैनल की तुलना में ज्यादा पॉवर को जनरेट करता है|
- कम जगह में ज्यादा बिजली बनाई जा सकती है|
नुकसान
- पोलीक्रिस्टलाइन सोलर पैनल की तुलना में इनकी कीमत ज्यादा होती है|
मोनो पर्क सोलर पैनल की कीमत कितनी है?
1 किलोवाट मोनो पर्क सोलर पैनल की कीमत ₹24,000 से लेकर ₹28,000 रूपये तक है| सोलर पैनल की कीमत इस बात पर निर्भर करती है कि आप कितने किलोवाट या क्षमता के सोलर पैनल खरीद रहे है जैसे जैसे आप सोलर पैनल की संख्या बढ़ाते है कीमत भी उतनी ही कम देनी होती है|
मोनो पर्क सोलर खरीदते समय किन – किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
सोलर पैनल का चयन अपनी जरूरतों और बजट को समझते हुए अपने क्षेत्र की जलवायु के आधार पर करना चाहिए| सोलर पैनल A ग्रेड का होना चाहिए कई बार सोलर विक्रेता B, C, D ग्रेड के सोलर पैनल देकर A ग्रेड की कीमत ले लेते है जिससे पैसों के साथ साथ सोलर सिस्टम खरीदने का पूरा फायदा नहीं मिल पाता है और सोलर पैनल कम समय में ही बिजली बनाना कम कर देते है और जल्दी ख़राब भी हो जाते है इसलिए हमेशा विश्वशनीय जगह से ही सोलर पैनल या सोलर सिस्टम ख़रीदे|साथ ही सोलर पैनल की फ्रेम की मोटाई कितनी है, टेम्पर्ड ग्लास कितने मिलीमीटर का है यह भी देख लेना चाहिए| सोलर पैनल में जक्शन बॉक्स वाटर प्रूफ होना चाहिए जो की IP68 कैटेगिरी का होता है साथ ही वारंटी का ध्यान रखना चाहिए| अधिक जानकारी के यहाँ क्लिक करे
सारांश
यदि आप किसी ऐसी जगह पर रहते है जहाँ सूर्य की रौशनी कम आती है और वहाँ बजली कटौती बहुत ज्यादा होती है उन सभी जगहो को के लिए आप मोनो पर्क सोलर पैनल को लगवा सकते है और हमारे इस ब्लॉग में मोनो पर्क सोलर पैनल की पूरी जानकारी दी गयी है और किसी भी जानकारी के लिए आप हमारे यूट्यूब चैनल पर जा कर देख सकते है यदि आपको हमारी जानकारी अच्छी लगी हो तो इस जानकारी अधिक से अधिक शेयर करे और कोई सवाल पूछना चाहते हो तो निचे कमेंट बॉक्स में पूछ सकते है
||जय हिन्द वन्दे मातरम् ||